सबसे मुश्किल कार्य देश को बदलना नहीं, खुद में बदलाव लाना है|

बेरोज़गारी: समस्या एवं समाधान


-प्रतिमा मिश्रा
आज भारत के सामने जो समस्याएं फन फैलाएं खड़ी हैं उनमें से एक महत्त्वपूर्ण समस्या है बेरोज़गारी| बेरोज़गारी से तात्पर्य है कि लोगों के पास हाथ हैं किंतु काम नहीं; प्रशिक्षण है पर नौकरी नहीं|

बेरोज़गारी का अर्थ यह भी है कि लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार कार्य उपलब्ध नहीं हो पाते| भारत कि जनसँख्या प्रतिदिन बढती ही जा रही है परन्तु यहाँ पर्याप्त कार्यों की कमी है| शहरों में हजारों युवक-युवतियां नौकरी की तलाश में भटकते रहते हैं परन्तु उन्हें नौकरी नही मिलती| सौ नौकरियों के लिए हजारों से लाखों आवेदन पत्र जमा हो जाते हैं| भारतीय रोज़गार कार्यालय में करोड़ों शिक्षित युवकों के नाम दर्ज हैं|

आंकडों की मानें तो 2008 में, भारत में बेरोज़गारी का दर 6.8% था| विशेषज्ञों की मानें तो 2020 तक भारत में बेरोज़गारी का दर 30% तक पहुच जाएगा| 2007 में नेशनल कमीशन फॉर एन्तेर्प्रिसेस इन अनोर्गानैज्द सेक्टरों द्वारा की प्रचारित रिपोर्ट के अनुसार भारत में 77% लोग 20 रुपए प्रति दिन से कम में गुज़र करते हैं|

बेरोज़गारी का एक दूसरा स्वरुप है अर्द्ध बेकार| कई लोगों का व्यवसाय साल भर या महीने ही चलता है, जिस कारण वह साल के बाकी माह बिना काम काज के रहते हैं| इसके अलावा भारत में कई लोग ऐसे भी हैं जो कि अपनी योग्यता के विपरीत स्थान पर नियुक्त किए जा रहे हैं, उदाहरण स्वरुप, बी टेक या बी की डिग्री लेने के बाद उस ही क्षेत्र में उपयुक्त रोज़गार मिलने के कारण उस व्यक्ति को अपने कार्य क्षेत्र के विपरीत काम करना पड़ता है| जबकी उस व्यक्ति की योग्यता का समुचित बेहतर सदुपयोग उसके ही क्षेत्र में लिया जा सकता है, जिससे देश, समाज, व् सम्बंधित व्यक्ति, तीनो का सर्वांगीण विकास हो सकता है|

बेरोज़गारी के कई कारण हैं| उनमें से एक कारण है बढती हुई जनसँख्या| भारत, जनसँख्या के आधार पर विश्व में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है| बेरोज़गारी का एक और कारण बाबूगिरी की होड़ है| आज के पढ़े लिखे लोग शारीरिक श्रम के काम को अपमान मानते हैं, इसलिए वे ऐसी नौकरी के पीछे भागते हैं जिनमें शारीरिक श्रम कम और पैसा अधिक हो|

हमारी शिक्षा प्रणाली भी बेरोज़गारी को बढ़ावा दे रही है| यदि बचपन से ही बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा दी जाए तो बेरोज़गारी धीरे धीरे लुप्त हो जाएगी| उन्हें यह सिखाना व् समझाना अत्यन्त आवश्यक है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता| बेरोज़गारी का एक मूल कारण अशिक्षा भी है|

कहा जाता है कि बीमारी का इलाज उसके कारणों में ही होता है, उस ही प्रकार हर समस्या का समाधान उस ही के अंतर्गत होता है| इसी लिए यदि हमें बेरोज़गारी की समस्या का समाधान करना है तो उसके कारणों पर विचार कर के उसका निदान करना होगा|

Comments :

2 comments to “बेरोज़गारी: समस्या एवं समाधान”
Unknown said...
on 

Ya! that's right and well written.
Superb!
But it is too short, should add 2 para more.

Unknown said...
on 

superb
i am impressed
we want you to write more like this.

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